–भगवान श्री परशुराम की 54 फीट मूर्ति प्रतिष्ठा का प्रकल्प इसी वर्ष राष्ट्र को समर्पित होगा, परशुराम ज्ञानपीठ का भी लोकार्पण होगा
-देशभर में वीसीसीआई की 20 नई शाखाएं खोली जाएगी
-विप्रम ऑनलाइन पोर्टल पर ई-मार्केट स्पेस से दक्षता सम्पत्र महिलाओं की आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा
उदयपुर। सूरत में आयोजित हुए विप्र फाउंडेशन के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में सूरत घोषणा पत्र जारी किया गया है जिसमें विप्रजनों के विकास और उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है।
विप्र फाउंडेशन के नव मनोनीत राष्ट्रीय महामंत्री केके शर्मा ने बताया कि विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर पुनः राधेश्याम शर्मा को अगले दो वर्षों के लिए सर्व सम्मति से चुना गया। राष्ट्रीय परिषद की बैठक में देशभर से आए 310 प्रतिनिधि मौजूद थे। इनमें संरक्षक सत्यनारायण शर्मा, बनवारी लाल सोती कोलकाता, जगदीश मिश्रा भुवनेश्वर, हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा दिल्ली, राजस्थान के विधायक ताराचंद सारस्वत, पूर्व विधायक धर्मनारायण जोशी, राधेश्याम रंगा जोधपुर, प्रोफेसर गौरव वल्लभ, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष महावीरप्रसाद शर्मा, राष्ट्रीय समन्वयक किशन जोशी, उपाध्यक्ष सांवरमल माटोलिया, आरबी शर्मा, भरतराम तिवाड़ी, दीपक पारीक, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री सुनील शर्मा, भगवान व्यास, परमेश्वर शर्मा, रुचि चतुर्वेदी आगरा, प्रमोद पालीवाल, गुजरात अध्यक्ष तुलसी भाई पुरोहित, सूरत अध्यक्ष घनश्याम सेवग शामिल रहे।
सूरत घोषणा पत्र में निर्णय लिया गया कि सनातन धर्म के पुनरुत्थान की दिशा में संस्था के योगदान स्वरूप अरुणाचल प्रदेश स्थित परशुराम कुण्ड पर भगवान श्री परशुराम की 54 फीट मूर्ति प्रतिष्ठा का प्रकल्प इसी वर्ष राष्ट्र को समर्पित किया जायेगा। युवाओं के उज्ज्वल भविष्य हेतु निर्माणाधीन भवन श्री परशुराम ज्ञानपीठ, जयपुर का इसी वर्ष लोकार्पण कर कन्या छात्रावास, कोचिंग, वैदिक रिसर्च, कौशल विकास आदि गतिविधियों का शुभारम्भ किया जायेगा। रोजगार प्रदान करना और प्राप्त करना दोनों ही समाज के विकास की महत्ती आवश्यकता है। इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए विप्र चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज की बीस शाखाएं खोली जायेंगी।
महिला स्वावलम्बन की दिशा में प्रयास तेज करते हुए विप्रम ऑनलाइन पोर्टल पर ई-मार्केट स्पेस से दक्षता सम्पत्र महिलाओं की आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त किया जायेगा। प्रशासनिक क्षेत्र में राष्ट्र सेवा हेतु स्वजनों को प्रेरित एवं सहयोग करने के उद्देश्य से प्रतियोगी परीक्षाओं की उच्च स्तरीय कोचिंग व प्रशिक्षण क्लासेज आरम्भ की जायेगी। शैक्षणिक गतिविधियों का विस्तार करते हुए पूर्वी राजस्थान के भरतपुर तथा पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर में छात्रावास निर्माण हेतु इसी वर्ष से कार्य आरम्भ किया जायेगा।
सांस्कृतिक अभ्युदय के इस स्वर्णिम काल में इण्टरनेशनल सोसाइटी फॉर परशुराम कॉन्शसनेस (आईएसपीएसी) के माध्यम से भगवान परशुराम के जीवन दर्शन तथा परशुराम स्थलों के प्रति व्यापक जागृति का प्रसार किया जायेगा। शगुन स्वरूप प्रति वर्ष 51 कन्याओं के विवाह में स्मृतिशेष चंदादेवी गायत्रीदेवी शर्मा विप्र वैवाहिक शगुन योजना के माध्यम से 21,000 की राशि का सहयोग प्रदान किया जायेगा।
समरसता ब्राह्मणों का मूल मंत्र रहा है। इसे दृढ़ता से आत्मसात करते हुए सभी वर्ग के, विशेषकर आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग के उत्थान में प्रखर भूमिका सुनिश्चित की जायेगी। उच्च शिक्षा में प्रतिभा सम्पन्न युवाओं के सहयोग हेतु प्रति वर्ष 51 युवाओं को वैद्य पं. रामनारायण शर्मा विप्र उच्च शिक्षा सहयोग योजना के माध्यम से न्यूनतम 50 हजार की ब्याज रहित राशि उपलब्ध करवायी जायेगी।
संस्कारोदय से ही सर्वाेदय सम्भव है। इसी दर्शन के साथ समाजजनों को गौ, गीता, गायत्री, गंगा और गौरी के प्रति सम्मान व दायित्वयुक्त जीवन शैली अपनाने की प्रेरणा दी जायेगी।
सामाजिक सरोकार के कार्यों की धारा को प्रवाहित रखते हुए पारिवारिक-सामाजिक आचार संहिता का पालन, फिजूलखर्ची व अपसंस्कृति पर रोक के अभियानों को बढ़ावा दिया जायेगा। वैवाहिक रिश्ते तय करना परिवारों के लिए चुनौती भरा दायित्व बनता जा रहा है। अतः युवाओं के लिए उपयुक्त जीवनसाथी ढूंढ़ने में मदद हेतु विप्र वेड लॉक पोर्टल आरम्भ किया जायेगा। भारतमाता के स्वरूप को संवारने हेतु अपने हिस्से का रंग भरते रहना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। इसी कर्तव्यबोध से संस्था द्वारा राष्ट्रोदय के विभित्र कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। खेल जगत में समाज की प्रतिभाओं को यथोचित सहयोग प्रदान करते हुए पारम्परिक एवं आधुनिक खेलों के टूनमिन्ट का आयोजन व प्रशिक्षण दिये जायेंगे।