शिक्षा को संस्कृति एवं संस्कारों से जोड़ने की विराट पहल के लिए जाने जाएंगे श्रद्धेय आचार्य श्यामलाल कुमावत- गोविंद सिंह टांक
उदयपुर 05 जून। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित आलोक संस्थान के संस्थापक आचार्य श्यामलाल कुमावत की षष्ठम पुण्यतिथि पर आलोक संस्थान, हिरण मगरी सेक्टर-11 स्थित मूर्ति परिसर में उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा, महापोर गोविंद सिंह टांक शिव सिंह सारंगदेवोत के मुख्य आतिथ्य, आलोक संस्थान के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमावत की अध्यक्षता में पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए आलोक संस्थान के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमावत ने कहा कि सदैव श्याम लाल जी कुमावत ने आलोक को एक दर्शन के रूप में समाज में स्थापित किया। उन्होंने अपने जीवन में शिक्षा को संस्कृति और संस्कारों से जोड़ते हुए एक आदर्श स्वरूप मॉडल के रूप में शिक्षा व्यवस्था के बीच में स्थापित किया। भारतीय शिक्षण मंडल, भारत विकास परिषद, रोटरी जैसे संगठनों के साथ मिलकर उन्होंने शिक्षा में समाज को जोड़ने के लिए सामुदायिक शिक्षा और संस्कारों के विभिन्न कार्यक्रमों की पहल भी उन्हीं की देन है।
इस अवसर पर उन्होंने अभिभावकों को और सभी शिक्षाविदों का भी आह्वान करते हुए कहा कि शिक्षा के उच्च आदर्श को और शिक्षा व्यवस्था को जो गरीब है उसको नीचे गिराने के लिए जिस तरह के षड्यंत्र जिस प्रकार के आरोप प्रत्यारोप लगाए जाते हैं उसको रोका जाना चाहिए। शिक्षण संस्थान शिक्षा के मंदिर है उसकी गरिमा को बनाए रखने की नैतिक जिम्मेदारी समाज की भी है ।
इस अवसर पर विधायक ताराचंद जैन ने कहा कि परिवारों में जन्मदिन मनाने की भारतीय परंपरा का श्रेष्ठ आयोजन आलोक संस्थान के माध्यम से प्रारंभ हुआ। आज समाज को जिस शिक्षा दर्शन की आवश्यकता है वह पुरानी गुरुकुल पद्धति के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा को समावेश कर पुनर्जीवित करने की जो योजना है वह आलोक संस्थान पिछले 57 वर्ष से अनवरत कर रहा है।
इस अवसर पर आचार्य श्याम लाल कुमावत स्मृति ट्रस्ट के अध्यक्ष महापोर् गोविंद सिंह टांक ने कहा की आचार्य श्याम लाल कुमावत कश्मीर आंदोलन में श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ सुंदर सिंह जी भंडारी और भानु कुमार जी शास्त्री के साथ उदयपुर से केवल तीन लोग इस आंदोलन में सम्मिलित हुए और कश्मीर आंदोलन में अपनी भूमिका निभाते हुए जेल यात्रा भी की! श्याम जी ने भारतीय मजदूर संघ और राजस्थान शिक्षक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में भी आपने अपनी अलग पहचान बनाई! परम पूज्य रज्जू भैया जी के आशीर्वाद से अखिल भारतीय नव वर्ष समारोह समिति का गठन कर पूरे विश्व में नव वर्ष की स्थापना का श्रेय आचार्य श्याम लाल जी कुमावत के प्रयासों को जाता है!
आचार्य श्यामलाल कुमावत की षष्ठम पुण्यतिथि के अवसर पर पुष्पांजलि के साथ श्रीराम मंदिर, आलोक संस्थान परिसर में भजनांजलि का आयोजन भी किया गया जिसमें प्रसिद्व भजन गायक नरेंद्र गंधर्व और समूह, अनंत लोहार, अंजलि शर्मा, राकेश माथुर, केमिता राठौड़ ने भजन सरिता बहाई।
इस अवसर पर आलोक संस्थान के निदेशक डॉ प्रदीप कुमावत, मनोज कुमावत, बी एल कुमावत, अजात शत्रु, रवींद्र श्रीमाली, निर्मल सिंघवी, राम जी वार्ष्णेय, कमलेंद्र सिंह पवार, एस एस सारंग देवोत्, रमन सूद, गिरीश मेहता, विवेक व्यास, संजीव भारद्वाज, शशांक टांक, निश्चय कुमावत, प्रताप राय चुग, प्रतीक कुमावत, ध्रुव कुमावत, महंत सुंदर दास, किशन वाधवानी, अनिल पालीवाल, मनीष तिवारी सहित विभिन्न संगठनो भारत विकास परिषद, रोटरी क्लब ऑफ उदयपुर, बजरंग सेना, राष्ट्र मंथन के पदाधिकारी उपस्थित थे!