नवीन कार्यकारिणी का शपथग्रहण समारोह भी आयोजित हुआ
उदयपुर। जैनाचार्य महिला संस्थान की ओर से रविवार को देवेंद्र धाम में आठ दिवसीय धािर्मक एवं नैतिक संस्कार शिविर का समापन हुआ। इस अवसर पर वर्ष 2024-26 की नवीन कार्यकारिणी का शपथग्रहण समारोह भी आयोजित किया गया। शिविर के समापन पर शिविरार्थी बच्चों द्वारा रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। मण्डल की मार्गदर्शिका श्रीमती रजनी डांगी ने सभी सदस्याओं को शपथ दिलाई। समारोह की विशिष्ठ अतिथि नीता बाबेल, पिंकी मांडावत, श्रीमती रजनी डांगी, निर्मल पोखरना थे। समारोह के प्रारंभ में मंगला चरण व गणेश वंदना हुई।
समापन समारोह में बच्चों ने मंच पर विभिन्न प्रस्तुतियां दी जिनमें 24 तीर्थंकरों के संगीतमयी नाम लेकर उनका स्मरण किया। नमोत्थुणं का पाठ, लोगस सूत्र का पाठ, कविता, मनुष्य की विभिन्न गतियांे के बारे में बताया, ज्ञान के विभिन्न सूत्र, चार दर्शनों के नाम, विभिन्न कर्मों के बारे में जो भी उन्होंने शिविर में सीखा सभी के सामने मंच से उनका पाठ पठन किया। इसके बाद बच्चों ने मंच पर बहुत ही खूबसूरत धार्मिक व भक्ति नृत्यो की प्रस्तुति दी।
समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों का माला एवं ऊपरना पहना कर स्वागत अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में सुंदर प्रस्तुतियों ने माहौल को भक्तिमयी कर दिया। प्रसिद्ध भजन राम आएंगे की बच्चों द्वारा दी गई प्रस्तुति के दौरान पूरा पंडाल झूम उठा। देश भक्ति के गीत कदम से कदम बढ़ाए जा की प्रस्तुति ने पूरे पंडाल में देश भक्ति घोल दी।
इस अवसर पर देवेंद्र महिला मंडल की मार्गदर्शिका श्रीमती रजनी डांगी ने कहा कि मण्डल की सभी सदस्याएं सेवा कार्य में निपुण है। पूर्व में इस मंडल द्वारा जो भी सेवा कार्य किए गए हैं वह आपके ध्यान में है। अब जिम्मेदारी आप नई सदस्याओं पर आ गई है। पूर्व कामों से सीख लेकर नई ऊर्जा के साथ और भी अच्छे कार्य पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी के साथ आप सभी करेंगे ऐसी मैं कामना करती हूं।
अध्यक्ष संध्या नाहर एवं मंत्री इन्द्रा चोरडिया ने सभी अतिथियों का स्वागत अभिनंदन किया एवं बच्चों को शिविर के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने सभी को विश्वास दिलाया कि यह नई कार्यकारिणी सेवा कार्यों के नए आयाम स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि हमारे सभी वरिष्ठों का आशीर्वाद हमेशा हमें समय-समय पर मिलता रहेगा।
इस अवसर पर निर्मल पोखरना ने कहा कि उन्हें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि यह कार्यकारिणी नई ऊर्जा और नए संकल्पों के साथ कार्य करेगी। साथ ही उन्होंने बच्चों के परिजनों को आह्वान किया की अगर हम बच्चों को बचपन से ही धर्म के संस्कार नहीं देंगे तो हमने जो भी यह बड़ी-बड़ी विरासतें खड़ी की है उन्हें भविष्य में संभालेगा कौन। यह सभी बेकार हो जाएगी। इसलिए ऐसे धार्मिक संस्कार शिविरों में हर माता-पिता को अपने बच्चों को धर्म संस्कार अर्जित करने के लिए ऐसे शिविरों में भेजना चाहिए।
नीता बाबेल ने कहा कि हम धर्म से जैन है लेकिन संस्कारों से दूर होते जा रहे हैं। भगवान महावीर ने जैन धर्म में जिन संस्कारों की परिकल्पना की उससे कहीं न कहीं आज हम विमुख हो रहे हैं। ऐसे धर्म संस्कार शिविर हमेशा आयोजित होने चाहिए इसमें बच्चें ही नहीं बल्कि बड़ों को भी आकर के हमारे जैन धर्म के संस्कारों को अंगीकार करना चाहिए।
इस अवसर पर मंत्री इन्द्रा चोरडिया ने प्रतिवेदन और शिविर व मंडल की वर्ष भर में होने वाली गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी और विशिष्ट अतिथि पिंकी माण्डावत ने कहां कि वह भी हमेशा इस मंडल से और आयोजनों से जुड़ी रही है। बच्चें हमारी धरोहर है। बचपन में इन्हें मिले धर्म संस्कार ही आजीवन इनके काम आएंगे ताकि यह भी अपने बच्चों को धर्म संस्कार दे पाएंगे। कार्यक्रम का संचालन मोनिका नाहर एवं रंजना चौहान ने किया। धन्यवाद की रस्म कोषाध्यक्ष वनीता पामेचा ने की। संरक्षिका लीला जी नाहर व संपूर्ण कार्यकारिणी का आठों दिन पूर्ण सहयोग रहा।