सकल जैन समाज के 1008 यात्रियों की ट्रेन शनिवार रात को उदयपुर पहुंचेगीपारसनाथ स्टेशन से उज्जैन तक 30 घंटे का सफर पूरा किया, झारखंड, यूपी से लेकर एमपी के स्टेशनों से गुजरे
उदयपुर, 24 मई। तीर्थायन ट्रेन में सम्मेदशिखर के पारसनाथ स्टेशन से 30 घंटे का ट्रेन में सफर पूरा कर जैसे ही उज्जैन स्टेशन पहुंचे तो महाकाल के जयकारों से ट्रेन के सब कोच गूंजा दिए। भोलेनाथ के जयकारों से भक्त महाकाल दर्शन के लिए आगे बढ़े। कोच से उतर कर भक्त सीधे अपने आवास स्थल मित्तल रिसोर्ट पहुंचे और बाद में कारवां महाकाल के दर्शन के लिए रवाना हुआ। वहीं महाकाल के दर्शन के बाद महाकाल कॉरिडोर का भ्रमण किया और वहां की विशेषताओं को जाना-समझा।
मुख्य संरक्षक राजकुमार फत्तावत ने बताया कि गुरुवार सुबह पारसनाथ स्टेशन से सामाजिक संस्था श्री महावीर युवा मंच संस्थान की तीर्थायन 2024 स्पेशल ट्रेन के 1008 यात्री सुबह दस बजे ट्रेन से उज्जैन के लिए रवाना हए। झारखंड, उत्तरप्रदेश होते हुए ट्रेन ने मध्यप्रदेश में प्रवेश किया और करीब 30 घंटे के सफर के बाद अपरान्ह में स्पेशल ट्रेन धर्म नगरी उज्जैन पहुंची।
इससे पहले 30 घंटे के इस सफर में यात्री अपने-अपने कोच में ग्रुप बनाकर धार्मिक प्रतियोगिताओं में शामिल हुए। ग्रुप ने अंतराक्षरी से लेकर हाऊजी गेम खेले गए। बच्चों से लेकर बड़ों ने इसमें भाग लिया। महिलाओं में भी पूरा जोश था।
बैशाखी पूर्णिमा के खास दिन पर महिलाओं ने समूह में गीतों से इस दिन को भी ट्रेन में मनाया और भगवान के भजनों से माहौल को भक्तिमय बना दिया।
30 घंटे ट्रेन में ही ब्रेक फॉस्ट और भोजन
यात्रा के मुख्य संयोजक संजय भंडारी ने बताया कि सम्मेदशिखर के मधुवन से ब्रेक फास्ट कर निकले यात्रियों ने उज्जैन तक 30 घंटे के सफर में ब्रेक फास्ट, चाय-कॉफी से लेकर लंच और डीनर ट्रेन में ही किया।
उज्जैन स्टेशन से रिसोर्ट पहुंचे
अध्यक्ष अशोक कोठारी ने बताया कि उज्जैन स्टेशन पहुंचने के बाद यात्री वहां से सीधे उज्जैन के मिताली रिसोर्ट के लिए रवाना हुए। वहां पर यात्री तैयार होकर सीधे महाकाल दर्शन के लिए रवाना हुए।
महाकाल गूंजा दिया उदयपुर वालों ने
महाकाल मंदिर पहुंचने के बाद यात्रियों ने वहां पहुंचते ही भगवान की जयकारों से आसमां गूंजा दिया। यात्रियों ने हर हर महादेव, बम बम भोले, जय श्री महाकाल के जयकारों के साथ भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए। यात्री तय ड्रेस कोड नीले रंग के वस्त्र में उज्जैन नगरी में थे जिससे उदयपुर के यात्रियों की एकरूपता दिखाई।
जैन मंदिरों के दर्शन भी किए
यात्रियों ने उज्जैन में जैन मंदिरों में भी दर्शन किए। सबसे पहले केसरियाजी, खाराकुआं श्रीपाल, मैना सुंदरी और अवंति पार्श्वनाथ मंदिर के दर्शन किए। इसके साथ ही भैरवगढ़ मणिभद्रवीर तथा विश्व का प्रथम 45 शिखर वाले कल्याण मंदिर नवग्रह तीर्थ के भी दर्शन किए। मंदिरों में भगवान के जयकारों से गूंजा दिया। यात्रा के मुख्य संयोजक संजय भंडारी, अध्यक्ष अशोक कोठारी, महामंत्री विजयलक्ष्मी गलूंडिया, समन्वयक चंदप्रकाश चोरडिय़ा, सुधीर चित्तौड़ा, भूपेंद्र गजावत, राजकुमार गन्ना आदि ने व्यवस्थाएं देखी।
ट्रेन में डीजे के साथ भक्ति
अजितनाथ कोच के प्रभारी जितेंद्र सिसोदिया के नेतृत्व में कोच के यात्री भगवान की भक्ति करते हुए सभी कोच में पहुंच यात्रियों को अपनी भक्ति में जोड़ा। इसी तरह महावीर कोच की टीम ने नवीन मेहता के नेतृत्व में ट्रेन में पारसनाथ भगवान की भक्ति के साथ सबको साथ जोड़ते गए। खास बात यह है कि पूरा ग्रुप के सदस्य अपनी वेशभुषा में हाथों में स्मॉल डीजे साउंड लेकर चल रहे थे। इसी प्रकार जैन जागृति सेंटर उदयपुर के अध्यक्ष सुधीर चित्तौड़ा और मंत्री नितिन लोढ़ा के नेतृत्व में पारम्परिक वेशभुषा में गवरी का मंचन किया। कोच नंबर एक से लेकर 13 तक ये टीमें पहुंची और अपने अंदाज से सबको खुश किया और भक्ति में शामिल किया।
शनिवार रात को उदयपुर आएगी ट्रेन
स्पेशल ट्रेन के यात्रियों ने शुक्रवार को रात्रि विश्राम उज्जैन के मित्तल रिसोर्ट में ही किया। शनिवार सुबह यात्री और भी मंदिरों के दर्शन करने के बाद रिसोर्ट में ही सुबह नाश्ता और लंच करेंगे। इसके बाद दोपहर में ट्रेन उदयपुर के लिए रवाना होगी और रात तक यात्री अपने गंतव्य स्थल उदयपुर पहुंचेंगे।