उदयपुर। सेक्टर 4 श्री संघ में विराजित श्रमण संघीय जैन दिवाकरिया महासाध्वी डॉ श्री संयमलताजी म. सा.,डॉ.अमितप्रज्ञाजी म. सा.,श्री कमलप्रज्ञाजी म. सा., सौरभप्रज्ञाजी म. सा. आदि ठाणा 4 के सानिध्य में पर्वाधिराज पर्व पर्युषण के द्वितीय दिन दान की महिमा व मां की ममता विषय पर विशेष प्रवचन हुआ।
धर्मसभा को संबोधित करते हुए महासती संयमलता ने अंतागढ़ शास्त्र के माध्यम से दान व मां की महिमा का वर्णन करते हुए कहा दान छपाकर नहीं छुपाकर करना चाहिए। जितना दोगे उतना धन बढ़ेगा। दान गुप्त हो, इस हाथ का दिया हुआ दूसरे हाथ को भी पता नहीं चलना चाहिए। खाया पिया अंग लगेगा, दान दिया संग चलेगा, पड़ा हुआ जंग लगेगा। पर्युषण के दिनों में हमें दान करना चाहिए।
साध्वी ने आगे कहा कि मां तो ममता का महाकाव्य है। मां की ममता,उसके त्याग, उसके अहसान, अपने आप में एक महातप और कुर्बानी की दास्तान है। तीर्थंकर और पैगंबर को जन्म देने वाली मां ही है। राम-रहीम, कृष्ण-कबीर,महावीर-मोहम्मद भी मां से ही है। स्वर्ग अगर कहीं है तो मां के चरणों में है। अच्छी किस्मत उन्हीं की है, जिनकी किस्मत में मां की लकीर है। जिसे कोई उपमा ना दी जा सके, उसका नाम है मां। जिसकी कोई सीमा नहीं, उसका नाम है मां।
साध्वी ने आगे कहा बचपन में गोद देने वाली को बुढ़ापे में दगा देने वाला मत बनना। जीवन के अंधेरे पथ में सूरज बनकर रोशनी करने वाली मां की जिंदगी में अंधकार मत फैलाना । आज आपके पास जो कुछ भी दौलत हैं, वह मां-बाप की बदौलत है। मां बाप का सपना तब टूट जाता है जब बेटा मां बाप को वृद्ध आश्रम में भेज देता है। वृद्ध आश्रम अभिशाप हैं उनके लिए जिनके कुलदीपक कुल अंगार बन रहे हैं। वृद्धाश्रम मानवता पर कलंक है। मानवता की मंगल इसी में है कि समय रहते हम वृद्धाश्रम की अवधारणा का अंत कर दे। जब बच्चा पहली श्वास लेता है तब मां-बाप उसके पास रहते हैं और मां-बाप जब अंतिम श्वास ले तब बच्चे उनके पास रहे। दुनिया में हर चीज बांट लेना परंतु मां-बाप को मत बांटना। हमें श्रवण कुमार, राम जैसा बेटा बनकर मां बाप की सेवा करनी चाहिए। श्रवण कुमार ने कावड में बिठाकर माता पिता को तीर्थ यात्रा करवाई थी, हमें कावड़ पर ना सही, कार से तो तीर्थ यात्रा करवा ही सकते हैं ।
मंगलाचरण पश्चात सर्वप्रथम साध्वी कमलप्रज्ञा ने अंतगढ़ शास्त्र के माध्यम से देवकी माता और उसके 6 पुत्रों के बारे में सुनाया की अपने कोख से जन्म देने के बाद भी मां देवकी मातृत्व सुख के अनुभव से वंचित रहे। युवा मण्डल द्वारा ष्मोबाइल में मन बसियोष् विषय पर सुंदर सी नाटिका का आयोजन हुआ। दोपहर में महासती अमितप्रज्ञा ने कल्पसूत्र का वाचन किया, उसके पश्चात खुल जा सिम सिम प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें अधिक संख्या में भाई बहनों ने भाग लिया। चातुर्मास आयोजन समिति के अध्यक्ष ललित लोढ़ा ने बताया की मंगलवार को अनंत की यात्रा विषय पर प्रवचन होगा।
Related Stories
September 18, 2024
September 18, 2024
September 17, 2024