उदयपुर। दिनांक 31 अगस्त 2024। महर्षि दयानन्द की शिक्षाओं का अनुसरण करे तो भारत पुनः राष्ट्र गुरु बन सकता है। ये विचार सांस्कृतिक संस्थान एवं प्रशिक्षण केन्द्र,संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के निदेशक श्री ओमप्रकाश शर्मा ने व्यक्त किए। वे उदयपुर के गुलाब बाग स्थित नवलखा महल में महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200 वीं जयन्ती पर उनके जीवन पर आयोजित अन्तर्विद्यालयी नाट्य प्रतियोगिता के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि आज से लगभग 150 वर्ष पूर्व में तत्कालीन समाज सुधारक महर्षि दयानन्द सरस्वती ने बालिका शिक्षा,सती प्रथा उन्मूलन,महिलाओं को समान अधिकार प्रदान करने, गौ संवर्द्धन, छूआछूत उन्मूलन के लिए क्रान्तिकारी कार्य किए। उसी के फलस्वरूप आज हम देख रहे हैं कि महिलाओं को भी पुरुषों को समान अधिकार प्राप्त हो तो वे किसी से कम नहीं है। आज महिलाएं सर्वाच्च पदों पर आसीन हैं और देश को गौरवान्वित कर रही हैं।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए श्रीमद् दयानन्द सत्यार्थ प्रकाश न्यास,उदयपुर के मंत्री श्री भवानीदास आर्य ने बताया कि महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200 वीं जयन्ती को भव्य रूप से मनाने हेतु देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है और उनकी जयन्ती को भव्य रूप में मनाया जा रहा है। इसी क्रम में नवलखा महल सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से उदयपुर के विद्यालयों की अन्तर्विद्यालयी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। नवलखा महल सांस्कृतिक केन्द्र आर्य समाज की विश्व की सर्वाच्च संस्थाओं में से एक है।
इस अवसर श्रीमद् दयानन्द सत्यार्थ प्रकाश न्यास के अध्यक्ष श्री अशोक आर्य ने बताया कि श्रीमद् दयानन्द सत्यार्थ प्रकाश न्यास, नवलखा महल,उदयपुर की ओर से विभिन्न प्रकल्प चलाए जा रहे हैं। यहां नवाचारों को देश के पुराने गौरव तथा संस्कृति के प्रति जागरूक करने के लिए 16 संस्कार वीथिका का निर्माण किया गया है। इन संस्कारों को इस प्रकार बनाया गया है कि ये मानो ये जीवन्त रूप में दिखाई देते हो। वहीं दूरस्थ सुदूर क्षेत्रों में वैदिक शिक्षाओं के प्रचार प्रसार के लिए भी महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं ताकि नई पीढ़ी हमारे देश की संस्कृति और गौरव का अनुसरण करती रहे।
इस अवसर पर श्रीमद् दयानन्द सत्यार्थ प्रकाश न्यास के संयुक्त मं़त्री डॉ. अमृतलाल तापड़िया ने बताया कि महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200 वीं जयन्ती को भव्य रूप में मनाने के साथ साथ वर्षभर कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इसी क्रम में नवलखा महल, गुलाब बाग में भी वर्षभर वैदिक शिक्षाओं व महर्षि दयानन्द के विचारों के प्रसारण हेतु विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे।
इस अवसर पर निम्नलिखित विद्यालयों के विद्यालय के विद्यार्थियों ने महर्षि दयानन्द व वैदिक शिक्षाओं के प्रचार प्रसार हेतु नाट्य प्रस्तुतियां प्रस्तुत कीः-
1.एम.डी.एस. पब्लिक स्कूल, फतहनगर
2.राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय,भूपालपुरा,उदयपुर
3.आदिनाथ पब्लिक उच्च माध्यमिक विद्यालय,उदयपुर
4.डीएवी उच्च माध्यमिक विद्यालय,दरीबा माइन्स
5.दयानन्द कन्या विद्यालय,हिरणमगरी,उदयपुर
6.डीएवी उच्च माध्यमिक विद्यालय,उदयपुर
7.सिडलिंग मॉडल पब्लिक उच्च माध्यमिक विद्यालय,उदयपुर
8.डीएवी उच्च माध्यमिक विद्यालय,जावर माइन्स,
निम्नलिखित विद्यालयों ने निम्नानुसार पुरस्कार प्राप्त कियाः-
1.डीएवी उच्च माध्यमिक विद्यालय,जावर माइन्स- प्रथम पुरस्कार
2.सिडलिंग मॉडल पब्लिक उच्च माध्यमिक विद्यालय,उदयपुर द्वितीय पुरस्कार
3.डीएवी उच्च माध्यमिक विद्यालय,उदयपुर तृतीय पुरस्कार
समारोह के सम्बोधित करते हुए लोक कला मंडल,उदयपुर के निदेशक श्री लईक हुसैन ने बताया कि जनमानस में विचारों के सम्प्रेषण हेतु नाट्य विधा एक महत्वपूर्ण साधन है। नवलखा महल सांस्कृतिक केन्द्र महर्षि दयानन्द के विचारों का सम्प्रेषण कर रहा है। लोक कला मंडल इस कार्य हेतु अपना सहयोग करेगा।
निर्णायक मंडल में निम्नलिखित विषय विशेषज्ञ उपस्थित थेः-
1.श्री विलास जानवी,सीनियर थियेटर आर्टिस्ट एवं रंगकर्मी
2.श्री मनीष शर्मा,थियेटर आर्टिस्ट
3.श्री ओमप्रकाश शर्मा,निदेशक, सांस्कृतिक संस्थान एवं प्रशिक्षण केन्द्र,संस्कृति केन्द्र
समारोह का संचालन नवलखा महल सांस्कृतिक केन्द्र यूथ क्लब की संयोजक एडवोकेट श्रीमती ऋचा पीयूष ने किया। इस अवसर पर नवलखा महल सांस्कृतिक केन्द्र यूथ क्लब के श्री जयेश आर्य,सुश्री उषा चौहान,श्री शोभित मित्तल,श्री भास्कर मित्तल, श्री चिरायू पीयूष,श्री सुकृत मेहरा, श्रीमती संध्या मेहरा,श्री कपिल सोनी, सुश्री सृष्टि राठौड़, आर्य समाज हिरणमगरी के श्री भूपेन्द्र शर्मा के श्रीमद् दयानन्द सत्यार्थ प्रकाश न्यास के कोषाध्यक्ष श्री नारायण लाल मित्तल, न्यासी श्री ललिता मेहरा,कार्यालय मंत्री श्री भंवर लाल गर्ग, पुरोहित श्री नवनीत आर्य, लेखाकार श्री दिव्येश सुथार, गाइड श्री लोकेश, श्री सिद्धम, श्रीमती दुर्गा गोरमात, सुश्री करिश्मा, श्री देवीलाल पारगी, श्रीमती निरमा, श्री कालू, श्री लक्ष्मण एवं कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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