उदयपुर। राजस्थान आदिवासी संघ का 58वां स्थापना दिवस समारोह का आयोजन धुणी माता मन्दिर, भीलुराणा प्रांगण में आयोजित हुआ। स्थापना समारोह में प्रदेश अध्यक्ष भूपतसिंह भगोरा एवं देवीलाल कटारा, सलुम्बर जिलाध्यक्ष देवीलाल मीणा,राजसमन्द जिलाध्यक्ष लक्ष्मीबाई दाणा,उदयपुर जिलाध्यक्ष धनराज अहारी,धुलेश्वर, पेमाराम भील, सुखलाल अहारी, हीरालाल डामोर, कुलदीप मीणा, धनेश्वर जगावत, अमृतलाल बोडोत, सतीश कुमार मीणा एडवोकेट, लोगरलाल खराड़ी, शंकरलाल कलासुआ संघ पदाधिकारी एवं वक्ताओं भाग लिया एवं अपने विचार रखें।
समाज में व्याप्त समस्याओं पर प्रकाश डाला गया तथा उचित निराकरण हेतु अपने सुझाव दिये। सभी को संगठित होकर सामुहिक प्रयास करने तथा सर्वमान्य नियम बनाकर अपनी पालना सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
प्रदेश अध्यक्ष भूपतसिंह भगोरा ने अपने सम्बोधन में कहा कि समाज के सर्वांगीण विकास के लिये गुणवत्तायुक्त शिक्षा हमारी प्राथमिक आवश्यकता है। जब तक समाज की युवा पीढ़ी को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्राप्त नहीं होगी प्रतियोगी परीक्षा में सफल नहीं होंगे। इसके लिये सरकार से कोचिंग सेन्टर खुलवाना होगा। जब तक आदिवासी समाज का ब्यूरोकेसी में प्रतिनिधित्व नहीं होगा, हमारे समाज का विकास सम्भव नहीं है। ब्यूरोकेसी में जाने के लिए मेडिकल की तर्ज पर राजस्थान प्रशासनिक सेवा में 5.5ः प्रतिशत पृथक से आरक्षण लागु कराना होगा। इसके लिये समाज के सभी सामाजिक संगठनों को सामुहिक प्रयास करना होगा।
आदिवासी समाज का यह दुर्भाग्य है कि समाज का शिक्षित वर्ग चाहे अधिकारी हो, शिक्षाविद् हो, अपनी सेवानिवृत्ति के बाद किसी न किसी राजनैतिक दल से जुड़ कर पार्टी की सेवा में लग जाते है। लेकिन समाज की तरफ ध्यान नहीं दिया जाता है। कांग्रेस, बीजेपी, बीटीपी, बाप पार्टी में उलझ कर आप भी बेमनस्यता पैदा कर समाज का अहित कर रहे, जिसका सीधा हमारी युवा पीढ़ी पर पड़ रहा है। युवा पीढ़ी भ्रमित अवस्था में शिक्षा के बगैर ध्यान नहीं देकर नेतागिरी एवं प्रेम प्रसंग में फंस कर गलत रास्ता अपना रहे है। जिससे बलात्कार एवं पोक्स एक्ट में जेल जा रहे है। समय रहते युवा पीढ़ी पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में आदिवासी-आदिवासी का दुश्मन बढ़ जायेगा।