उदयपुर: धूम्रपान को फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारण माना जाता है, लेकिन हाल के ट्रेंड्स से पता चलता है कि धूम्रपान न करने वाले लोग भी इस बीमारी से सुरक्षित नहीं हैं। वायु प्रदूषण एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय जोखिम फैक्टर बन गया है, जो फेफड़ों के कैंसर के वैश्विक बोझ में योगदान देता है। पारस हेल्थ उदयपुर विश्व फेफड़े के कैंसर दिवस पर इन कम ज्ञात खतरों को समझने के महत्व पर जोर देता है और फेफड़ों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सक्रिय उपाय करने का आग्रह करता है।
फेफड़े का कैंसर दुनिया भर में कैंसर से संबंधित मौतों का प्रमुख कारण बना हुआ है, जो हर साल लगभग 1.6 मिलियन लोगों की जान लेता है। हालाँकि तम्बाकू धूम्रपान इसका मुख्य कारण है, लेकिन अनुमान है कि फेफड़े के कैंसर के 15 प्रतिशत मामले ऐसे व्यक्तियों में होते हैं जिनका धूम्रपान का कोई इतिहास नहीं रहता है। यह चौंकाने वाला आँकड़ा अन्य जोखिम फैक्टर की भूमिका की ओर इशारा करता है, विशेष रूप से वायु प्रदूषण फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख खतरा बन गया है। वायु प्रदूषण को अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा ग्रुप 1 कार्सिनोजेन के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह वर्गीकरण वायु प्रदूषण को तम्बाकू के धुएं और एस्बेस्टस के समान कैटेगरी में रखता है, जो स्वास्थ्य पर इसके गंभीर प्रभावों को दर्शाता है।
वायु प्रदूषण में हानिकारक पदार्थों का एक जटिल मिश्रण शामिल होता है। इस मिश्रण में बेंजीन, फॉर्मेल्डिहाइड और भारी धातु जैसे कार्सिनोजेन्स शामिल हैं। इन प्रदूषकों के लंबे समय तक संपर्क में रहने से यहां तक कि कम स्तर पर भी, फेफड़ों के कैंसर के विकास का जोखिम काफी बढ़ जाता है। WHO का अनुमान है कि वायु प्रदूषण हर साल दुनिया भर में फेफड़ों के कैंसर से होने वाली सैकड़ों हज़ार मौतों में योगदान देता है।
डॉ. सुभाब्रता दास, सीनियर कंसल्टेंट, सर्जिकल ऑनकोलॉजी, पारस हेल्थ उदयपुर ने वायु प्रदूषण और अन्य पर्यावरणीय कारकों से जुड़े खतरों को पहचानने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बारे में कहा, “धूम्रपान न करने वालों में फेफड़ों के कैंसर की बढ़ती घटनाएं सार्वजनिक जागरूकता में एक महत्वपूर्ण कमी को दर्शाती हैं। बहुत से लोग इस बात से अनजान हैं कि वायु प्रदूषण, सेकेंड हैंड स्मोक, एस्बेस्टस, रेडॉन गैस, डीजल एग्जॉस्ट धुएं और आनुवंशिक प्रवृत्ति भी फेफड़ों के कैंसर के लिए महत्वपूर्ण जोखिम फैक्टर हैं। वर्ल्ड लंग कैंसर दिवस पर हम इन मुद्दों पर सार्वजनिक शिक्षा बढ़ाने की वकालत करते हैं। निवारक उपायों को अपनाना महत्वपूर्ण है, जैसे कि तंबाकू से बचना, हानिकारक प्रदूषकों के संपर्क को कम करना और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना, विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले लोगों के लिए बहुत जरूरी है।”
इस साल के विश्व फेफड़े के कैंसर दिवस का विषय “Close the Care Gap: Everyone Deserves Access to Cancer Care” उच्च गुणवत्ता वाले कैंसर इलाज़ और सपोर्ट तक समान पहुँच की तत्काल आवश्यकता पर जोर देता है। इसमें फेफड़े के कैंसर के विभिन्न कारणों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि हर कोई, चाहे उसकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो, समय पर और प्रभावी चिकित्सा देखभाल प्राप्त कर सके।
पारस हेल्थ उदयपुर व्यापक हेल्थकेयर सर्विसेस और सार्वजनिक शिक्षा पहलों के माध्यम से फेफड़ों के स्वास्थ्य को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है। हॉस्पिटल सक्रिय रूप से सामान्य स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देता है और समुदाय ज्ञान और निवारक रणनीतियों के साथ सशक्त बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है। एडवांस्ड डायग्नोसिस और उपचार विकल्पों की पेशकश करके पारस हेल्थ उदयपुर का लक्ष्य अपने मरीजों के लिए सर्वोत्तम संभव परिणाम प्रदान करना है
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September 18, 2024