उदयपुर। साधुमार्गी जैन संघ द्वारा आयोजित शिविर उड़ान “एक कदम जैनत्व की ओर” का मंगलवार को तीसरा दिन सम्पन्न हुआ महासतीश्री अक्षिताआदि महासतीयां जी द्वारा धार्मिक अध्ययन, कर्मो की जानकारी, पांचो इन्द्रियों का महत्व, संस्कारों की उपयोगिता, पढाई में ध्यान केंद्रित करना, प्रार्थना करने की महत्ता विषय के साथ साथ ही प्रोफेशनल योग व वक्ता द्वारा रोचक एक्टिवीटी, योगा, इन्सप्रैशनल सिजन, गेम, आर्ट क्राफ्ट, स्टोरी टेलींग एक्ट आदि अनेक सेशन आयोजित किए जा रहे हैं। शिविर में महासति सौम्यसुगंधा श्रीजी द्वारा सचित अचित की परिभाषा एवं वस्तुओं की भिन्नता को बताया साथ ही सचित अचित विवेक की क्रियाएं करवाई गई। शासन दीपिका महासतीश्री अक्षिताश्री द्वारा कर्मों की व्याख्या की गई तथा कर्मो के परिणाम उदाहरण सहित समझाए। ज्ञानावर्णीय कर्म के कारण पढने मे मन ना लगना, रिजल्ट अच्छा नही आना आदि कारण बनते है, दर्शनीय कर्म के कारण साधु साध्वी के दर्शन का लाभ ना मिलना, पढते पढ़ते नींद आना, वेदनीय कर्म के कारण स्वास्थ्य सही नही रहना आदि कारणों का बंध होता है, शिविर में बच्चों ने बड़े ध्यान पूर्वक कर्मों की व्याख्या सुनी व समझी, वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक द्वारा रोग मुक्त जीवन के टीप्स दिए गए, बच्चों को शिविर में नए दोस्त मिले तो आध्यात्मिकता से जुडाव भी हो रहा है। माता पिता भी बच्चों को शिविर मे भेजकर इस आयोजन से प्रसन्न एवं उत्साहित है।
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September 12, 2024