उदयपुर। सेक्टर 4 श्री संघ में विराजित श्रमण संघीय जैन दिवाकरिया महासाध्वी डॉ श्री संयमलता,साध्वी डॉ श्री अमितप्रज्ञा, साध्वी श्री कमलप्रज्ञा, साध्वी श्री सौरभप्रज्ञा आदि ठाणा 4 के सानिध्य में आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए महासती संयमलता ने फरमाया सुख के दिनों में घमंड नहीं करना और दुख के दिनों में अति दुखी नहीं होना।
उन्होंने कहा कि यही वह कला है जो जीवन में धूप छांव के खेल को खेलना सिखाती है और पाप से बचाती है। सुख के दिनों में मनोरंजन नहीं मनोमंथन करें। शाश्वत सुख को पाने के लिए हमें धर्म की शरण में आना होगा। पाप से दुख मिलता है और धर्म से सुख मिलता है। महासती अमितप्रज्ञा ने कहा हर क्षेत्र में आज राजनीति ने अपनी जगह बना ली है। हमें राजनीति में धर्म नीति को लाना है, धर्म नीति में राजनीति नहीं होनी चाहिए। हमें हिंसा को अहिंसा में, अन्याय को न्याय में,आतंकवाद को अनेकांतवाद में बदलना है। आज दोपहर में महिला शिविर का आयोजन हुआ जिसमें 200 से अधिक महिलाओं ने सहभागिता दर्ज कराई।
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