उदयपुर। गोगुंदा में एक परिवार बेजुबान उल्लू श्रीधरा को अन्धविश्वास के नाम पर बलि चढ़ाने जा रहा था, लेकिन एनिमल प्रोटेक्शन सोसाइटी उदयपुर को इसकी जानकारी मिलने पर उसकी जान बचा ली गई। हालांकि इससे पहले उल्लू को जख्मी कर दिया गया था।
सोसायटी की अध्यक्ष डॉ माला मट्ठा ने बताया कि उनके पास गोगुन्दा के आगे काछबा गांव देवड़ो का गुड़ा जो उदयपुर से 42 किलोमीटर दूर है, से श्रीधरा नाम के उल्लू को लेकर कंप्लेंट आयी। केसर सिंह देवड़ा ने फ़ोन पर सूचना दी कि उनके गांव का एक परिवार श्रीधरा उल्लू को तांत्रिक क्रिया में उपयोग में ले रहा है। पिछले तीन दिन से श्रीधरा को अन्धविश्वास का शिकार बनाया जा रहा था। संस्था ने तुरंत संज्ञान लिया और काछबा गोगुन्दा पहुंचे। श्रीधरा का एक पंख कटा हुआ था जिसमें से रक्त बह रहा था। टीम से डॉ माला मट्ठा और कमलेश तेली ने श्रीधरा को रेस्क्यू किया। उदयपुर में आगे के इलाज के लिए एनिमल ऐड में एडमिट करवाया है। तंत्र क्रिया करने वाले परिवार पर कानूनी कार्यवाही भी की जा रही है। डॉ माला मट्ठा ने लोगों से अपील की है कि इंसानियत ख़त्म न करे और ऐसे अंधविश्वासों को बढ़ावा न दे। इन मासूमो को जीने का हक़ दें।