सेक्टर तीन पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने किया भावभीना स्वागत
उदयपुर। श्रमण संघीय साध्वी डॉ संयमलता ने कहा कि वे लोग तकदीर वाले होते हैं जिनके घर में बूढ़े-बुजुर्गों का साया होता है। जिस दिन वे चले जाते हैं घर अनाथ हो जाता है। आपसे धर्म-कर्म हो तो ठीक अन्यथा कोई दिक्कत नहीं, पर माता-पिता की सेवा में कभी कोई कमी मत छोडना। किसी क्लब, सोश्यल ग्रुप के सदस्य बनकर शहर की सेवा करना सरल है, पर अपने घर में रहने वाले बूढ़े-बुजुर्गों की सेवा करना मुश्किल है। संस्थाओं के सदस्य बनने की बजाय पहले घर के सदस्य बनें और घरवालों की सेवा संभालें।
साध्वीश्री आज सेक्टर तीन स्थित राजेंद्र नवीन चोरडिया के निवास स्थल पर धर्म सभा को संबोधित कर रहे थे।
साध्वी श्री ने आगे कि जब भगवान को प्रणाम करवाना होता है तो वह मंदिर में जाकर बैठता है, पर जब उसे प्रणाम का परिणाम देना होता है तो हमारे घर में माता-पिता के रूप में अवतार लिया करता है। इसलिए मंदिर बाद में जाएँ, पहले अपने माता-पिता को संभालें। याद रखें, भगवान की सेवा से माता-पिता मिले या न मिले, पर माता-पिता की सेवा से भगवान जरूर मिलते हैं।
इस अवसर पर साध्वी अमितप्रज्ञा, साध्वी कमलप्रज्ञा, साध्वी सौरभप्रज्ञा ने 20वें तीर्थंकर भगवान मुनिसुव्रत स्वामी के मन्त्र का जाप करवाया। इस प्रसंग पर चातुर्मास समिति संयोजक ललित लोढ़ा, प्रधान नरेंद्र चंडालिया, मंत्री अरुण बया, अशोक चौहान, युवा मण्डल अध्यक्ष लोकेन्द्र बोहरा, मंत्री हार्दिक चोरडिया एवं पूरी टीम आदि उपस्थित थे।